قُلْ أَرَأَيْتُمْ مَا أَنْزَلَ اللَّهُ لَكُمْ مِنْ رِزْقٍ فَجَعَلْتُمْ مِنْهُ حَرَامًا وَحَلَالًا قُلْ آللَّهُ أَذِنَ لَكُمْ ۖ أَمْ عَلَى اللَّهِ تَفْتَرُونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
कह दो, "क्या तुम लोगों ने यह भी देखा कि जो रोज़ी अल्लाह ने तुम्हारे लिए उतारी है उसमें से तुमने स्वयं ही कुछ को हराम और हलाल ठहरा लिया?" कहो, "क्या अल्लाह ने तुम्हें इसकी अनुमति दी है या तुम अल्लाह पर झूठ घड़कर थोप रहे हो?"
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और जो कुछ वह जमा कर रहे हैं उससे कहीं बेहतर है (ऐ रसूल) तुम कह दो कि तुम्हारा क्या ख्याल है कि ख़ुदा ने तुम पर रोज़ी नाज़िल की तो अब उसमें से बाज़ को हराम बाज़ को हलाल बनाने लगे (ऐ रसूल) तुम कह दो कि क्या ख़ुदा ने तुम्हें इजाज़त दी है या तुम ख़ुदा पर बोहतान बाँधते हो