إِنَّ الْإِنْسَانَ لِرَبِّهِ لَكَنُودٌ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
निस्संदेह मनुष्य अपने रब का बड़ा अकृतज्ञ हैं,
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
(ग़रज़ क़सम है) कि बेशक इन्सान अपने परवरदिगार का नाशुक्रा है
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