فَإِنْ تَوَلَّوْا فَقَدْ أَبْلَغْتُكُمْ مَا أُرْسِلْتُ بِهِ إِلَيْكُمْ ۚ وَيَسْتَخْلِفُ رَبِّي قَوْمًا غَيْرَكُمْ وَلَا تَضُرُّونَهُ شَيْئًا ۚ إِنَّ رَبِّي عَلَىٰ كُلِّ شَيْءٍ حَفِيظٌ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
किन्तु यदि तुम मुँह मोड़ते हो तो जो कुछ देकर मुझे तुम्हारी ओर भेजा गया था, वह तो मैं तुम्हें पहुँचा ही चुका। मेरा रब तुम्हारे स्थान पर दूसरी किसी क़ौम को लाएगा और तुम उसका कुछ न बिगाड़ सकोगे। निस्संदेह मेरा रब हर चीज़ की देख-भाल कर रहा है।"
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
इस पर भी अगर तुम उसके हुक्म से मुँह फेरे रहो तो जो हुक्म दे कर मैं तुम्हारे पास भेजा गया था उसे तो मैं यक़ीनन पहुँचा चुका और मेरा परवरदिगार (तुम्हारी नाफरमानी पर तुम्हें हलाक करें) तुम्हारे सिवा दूसरी क़ौम को तुम्हारा जानशीन करेगा और तुम उसका कुछ भी बिगाड़ नहीं सकते इसमें तो शक़ नहीं है कि मेरा परवरदिगार हर चीज़ का निगेहबान है