وَاسْأَلِ الْقَرْيَةَ الَّتِي كُنَّا فِيهَا وَالْعِيرَ الَّتِي أَقْبَلْنَا فِيهَا ۖ وَإِنَّا لَصَادِقُونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
आप उस बस्ती से पूछ लीजिए जहाँ हम थे और उस क़ाफ़िलें से भी जिसके साथ होकर हम आए। निस्संदेह हम बिलकुल सच्चे है।"
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और आप इस बस्ती (मिस्र) के लोगों से जिसमें हम लोग थे दरयाफ्त कर लीजिए और इस क़ाफले से भी जिसमें आए हैं (पूछ लीजिए) और हम यक़ीनन बिल्कुल सच्चे हैं