قَالُوا يَا أَبَانَا اسْتَغْفِرْ لَنَا ذُنُوبَنَا إِنَّا كُنَّا خَاطِئِينَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
वे बोले, "ऐ मेरे बाप! आप हमारे गुनाहों की क्षमा के लिए प्रार्थना करें। वास्तव में चूक हमसे ही हुई।"
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
उन लोगों ने अर्ज़ की ऐ अब्बा हमारे गुनाहों की मग़फिरत की (ख़ुदा की बारगाह में) हमारे वास्ते दुआ मॉगिए हम बेशक अज़सरतापा गुनेहगार हैं
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