وَيَقُولُ الَّذِينَ كَفَرُوا لَسْتَ مُرْسَلًا ۚ قُلْ كَفَىٰ بِاللَّهِ شَهِيدًا بَيْنِي وَبَيْنَكُمْ وَمَنْ عِنْدَهُ عِلْمُ الْكِتَابِ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
जिन लोगों ने इनकार की नीति अपनाई, वे कहते है, "तुम कोई रसूल नहीं हो।" कह दो, "मेरे और तुम्हारे बीच अल्लाह की और जिस किसी के पास किताब का ज्ञान है उसकी, गवाही काफ़ी है।"
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और (ऐ रसूल) काफिर लोग कहते हैं कि तुम पैग़म्बर नही हो तो तुम (उनसे) कह दो कि मेरे और तुम्हारे दरमियान मेरी रिसालत की गवाही के वास्ते ख़ुदा और वह शख़्श जिसके पास (आसमानी) किताब का इल्म है काफी है
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