وَمَا يَأْتِيهِمْ مِنْ رَسُولٍ إِلَّا كَانُوا بِهِ يَسْتَهْزِئُونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
कोई भी रसूल उनके पास ऐसा नहीं आया, जिसका उन्होंने उपहास न किया हो
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और (उनकी भी यही हालत थी कि) उनके पास कोई रसूल न आया मगर उन लोगों ने उसकी हँसी ज़रुर उड़ाई
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