وَإِنَّا لَنَحْنُ نُحْيِي وَنُمِيتُ وَنَحْنُ الْوَارِثُونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
हम ही जीवन और मृत्यु देते है और हम ही उत्तराधिकारी रह जाते है
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और इसमें शक़ नहीं कि हम ही (लोगों को) जिलाते और हम ही मार डालते हैं और (फिर) हम ही (सब के) वाली वारिस हैं
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