وَلَقَدْ خَلَقْنَا الْإِنْسَانَ مِنْ صَلْصَالٍ مِنْ حَمَإٍ مَسْنُونٍ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
हमने मनुष्य को सड़े हुए गारे की खनखनाती हुई मिट्टी से बनाया है,
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और बेशक हम ही ने आदमी को ख़मीर (गुंधी) दी हुईसड़ी मिट्टी से जो (सूखकर) खन खन बोलने लगे पैदा किया
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