الَّذِينَ جَعَلُوا الْقُرْآنَ عِضِينَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
जिन्होंने (अपने) क़ुरआन को टुकड़े-टुकड़े कर डाला
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
(बाज़ को माना बाज को नहीं) तो ऐ रसूल तुम्हारे ही परवरदिगार की (अपनी) क़सम
Quran
15
:
91
हिन्दी
Read in Surah