وَمِنْ ثَمَرَاتِ النَّخِيلِ وَالْأَعْنَابِ تَتَّخِذُونَ مِنْهُ سَكَرًا وَرِزْقًا حَسَنًا ۗ إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَةً لِقَوْمٍ يَعْقِلُونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
और खजूरों और अंगूरों के फलों से भी, जिससे तुम मादक चीज़ भी तैयार कर लेते हो और अच्छी रोज़ी भी। निश्चय ही इसमें बुद्धि से काम लेनेवाले लोगों के लिए एक बड़ी निशानी है
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और इसी तरह खुरमें और अंगूर के फल से (हम तुमको शीरा पिलाते हैं) जिसकी (कभी तो) तुम शराब बना लिया करते हो और कभी अच्छी रोज़ी (सिरका वगैरह) इसमें शक नहीं कि इसमें भी समझदार लोगों के लिए (क़ुदरत ख़ुदा की) बड़ी निशानी है
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