وَيَقُولُونَ سُبْحَانَ رَبِّنَا إِنْ كَانَ وَعْدُ رَبِّنَا لَمَفْعُولًا
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
और कहते है, "महान और उच्च है हमारा रब! हमारे रब का वादा तो पूरा होकर ही रहता है।"
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और कहते हैं कि हमारा परवरदिगार (हर ऐब से) पाक व पाकीज़ा है बेशक हमारे परवरदिगार का वायदा पूरा होना ज़रुरी था
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