وَلَقَدْ صَرَّفْنَا فِي هَٰذَا الْقُرْآنِ لِيَذَّكَّرُوا وَمَا يَزِيدُهُمْ إِلَّا نُفُورًا
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
हमने इस क़ुरआन में विभिन्न ढंग से बात का स्पष्टीकरण किया कि वे चेतें, किन्तु इसमें उनकी नफ़रत ही बढ़ती है
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और हमने तो इसी क़ुरान में तरह तरह से बयान कर दिया ताकि लोग किसी तरह समझें मगर उससे तो उनकी नफरत ही बढ़ती गई