قُلْ كَفَىٰ بِاللَّهِ شَهِيدًا بَيْنِي وَبَيْنَكُمْ ۚ إِنَّهُ كَانَ بِعِبَادِهِ خَبِيرًا بَصِيرًا
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
कह दो, "मेरे और तुम्हारे बीच अल्लाह ही एक गवाह काफ़ी है। निश्चय ही वह अपने बन्दों की पूरी ख़बर रखनेवाला, देखनेवाला है।"
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि हमारे तुम्हारे दरमियान गवाही के वास्ते बस ख़ुदा काफी है इसमें शक़ नहीं कि वह अपने बन्दों के हाल से खूब वाक़िफ और देखता रहता है