ذَٰلِكَ جَزَاؤُهُمْ بِأَنَّهُمْ كَفَرُوا بِآيَاتِنَا وَقَالُوا أَإِذَا كُنَّا عِظَامًا وَرُفَاتًا أَإِنَّا لَمَبْعُوثُونَ خَلْقًا جَدِيدًا
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
यही उनका बदला है, इसलिए कि उन्होंने हमारी आयतों का इनकार किया और कहा, "क्या जब हम केवल हड्डियाँ और चूर्ण-विचूर्ण होकर रह जाएँगे, तो क्या हमें नए सिरे से पैदा करके उठा खड़ा किया जाएगा?"
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
ये सज़ा उनकी इस वज़ह से है कि उन लोगों ने हमारी आयतों से इन्कार किया और कहने लगे कि जब हम (मरने के बाद सड़ गल) कर हड्डियाँ और रेज़ा रेज़ा हो जाएँगीं तो क्या फिर हम नये सिरे से पैदा करके उठाए जाएँगें
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