إِذْ أَوَى الْفِتْيَةُ إِلَى الْكَهْفِ فَقَالُوا رَبَّنَا آتِنَا مِنْ لَدُنْكَ رَحْمَةً وَهَيِّئْ لَنَا مِنْ أَمْرِنَا رَشَدًا
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
जब उन नवयुवकों ने गुफ़ा में जाकर शरण ली तो कहा, "हमारे रब! हमें अपने यहाँ से दयालुता प्रदान कर और हमारे लिए हमारे अपने मामले को ठीक कर दे।"
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
कि एक बारगी कुछ जवान ग़ार में आ पहुँचे और दुआ की-ऐ हमारे परवरदिगार हमें अपनी बारगाह से रहमत अता फरमा-और हमारे वास्ते हमारे काम में कामयाबी इनायत कर
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