وَلَمَّا جَاءَهُمْ رَسُولٌ مِنْ عِنْدِ اللَّهِ مُصَدِّقٌ لِمَا مَعَهُمْ نَبَذَ فَرِيقٌ مِنَ الَّذِينَ أُوتُوا الْكِتَابَ كِتَابَ اللَّهِ وَرَاءَ ظُهُورِهِمْ كَأَنَّهُمْ لَا يَعْلَمُونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
और जब उनके पास अल्लाह की ओर से एक रसूल आया, जिससे उस (भविष्यवाणी) की पुष्टि हो रही है जो उनके पास थी, तो उनके एक गिरोह ने, जिन्हें किताब मिली थी, अल्लाह की किताब को अपने पीठ पीछे डाल दिया, मानो वे कुछ जानते ही नही
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और जब उनके पास खुदा की तरफ से रसूल (मोहम्मद) आया और उस किताब (तौरेत) की जो उनके पास है तसदीक़ भी करता है तो उन अहले किताब के एक गिरोह ने किताबे खुदा को अपने पसे पुश्त फेंक दिया गोया वह लोग कुछ जानते ही नहीं और उस मंत्र के पीछे पड़ गए