فَلَا يَصُدَّنَّكَ عَنْهَا مَنْ لَا يُؤْمِنُ بِهَا وَاتَّبَعَ هَوَاهُ فَتَرْدَىٰ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
अतः जो कोई उसपर ईमान नहीं लाता और अपनी वासना के पीछे पड़ा है, वह तुझे उससे रोक न दे, अन्यथा तू विनष्ट हो जाएगा
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
तो (कहीं) ऐसा न हो कि जो शख्स उसे दिल से नहीं मानता और अपनी नफ़सियानी ख्वाहिश के पीछे पड़ा वह तुम्हें इस (फिक्र) से रोक दे तो तुम तबाह हो जाओगे