لَوْ كَانَ هَٰؤُلَاءِ آلِهَةً مَا وَرَدُوهَا ۖ وَكُلٌّ فِيهَا خَالِدُونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
यदि वे पूज्य होते, तो उसमें न उतरते। और वे सब उसमें सदैव रहेंगे भी
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
अगर ये (सच्चे) माबूद होते तो उन्हें दोज़ख़ में न जाना पड़ता और (अब तो) सबके सब उसी में हमेशा रहेंगे