وَلِكُلِّ أُمَّةٍ جَعَلْنَا مَنْسَكًا لِيَذْكُرُوا اسْمَ اللَّهِ عَلَىٰ مَا رَزَقَهُمْ مِنْ بَهِيمَةِ الْأَنْعَامِ ۗ فَإِلَٰهُكُمْ إِلَٰهٌ وَاحِدٌ فَلَهُ أَسْلِمُوا ۗ وَبَشِّرِ الْمُخْبِتِينَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
और प्रत्येक समुदाय के लिए हमने क़ुरबानी का विधान किया, ताकि वे उन जानवरों अर्थात मवेशियों पर अल्लाह का नाम लें, जो उसने उन्हें प्रदान किए हैं। अतः तुम्हारा पूज्य-प्रभु अकेला पूज्य-प्रभु है। तो उसी के आज्ञाकारी बनकर रहो और विनम्रता अपनानेवालों को शुभ सूचना दे दो
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और हमने तो हर उम्मत के वास्ते क़ुरबानी का तरीक़ा मुक़र्रर कर दिया है ताकि जो मवेशी चारपाए खुदा ने उन्हें अता किए हैं उन पर (ज़िबाह के वक्त) ख़ुदा का नाम ले ग़रज़ तुम लोगों का माबूद (वही) यकता खुदा है तो उसी के फरमाबरदार बन जाओ