وَأَصْحَابُ مَدْيَنَ ۖ وَكُذِّبَ مُوسَىٰ فَأَمْلَيْتُ لِلْكَافِرِينَ ثُمَّ أَخَذْتُهُمْ ۖ فَكَيْفَ كَانَ نَكِيرِ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
और मदयनवाले भी झुठला चुके है और मूसा को भी झूठलाया जा चुका है। किन्तु मैंने इनकार करनेवालों को मुहलत दी, फिर उन्हें पकड़ लिया। तो कैसी रही मेरी यंत्रणा!
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और मदियन के रहने वाले (अपने-अपने पैग़म्बरों को) झुठला चुके हैं और मूसा (भी) झुठलाए जा चुके हैं तो मैंने काफिरों को चन्द ढील दे दी फिर (आख़िर) उन्हें ले डाला तो तुमने देखा मेरा अज़ाब कैसा था
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