أَيَحْسَبُونَ أَنَّمَا نُمِدُّهُمْ بِهِ مِنْ مَالٍ وَبَنِينَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
क्या वे समझते है कि हम जो उनकी धन और सन्तान से सहायता किए जा रहे है,
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
क्या ये लोग ये ख्याल करते है कि हम जो उन्हें माल और औलाद में तरक्क़ी दे रहे है तो हम उनके साथ भलाईयाँ करने में जल्दी कर रहे है
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