إِنَّ الَّذِينَ هُمْ مِنْ خَشْيَةِ رَبِّهِمْ مُشْفِقُونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
नहीं, बल्कि उन्हें इसका एहसास नहीं है। निश्चय ही जो लोग अपने रब के भय से काँपते रहते हैं;
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
उसमें शक नहीं कि जो लोग अपने परवरदिगार की वहशत से लरज़ रहे है
: