بَلْ كَذَّبُوا بِالسَّاعَةِ ۖ وَأَعْتَدْنَا لِمَنْ كَذَّبَ بِالسَّاعَةِ سَعِيرًا
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
नहीं, बल्कि बात यह है कि वे लोग क़ियामत की घड़ी को झुठला चुके है। और जो उस घड़ी को झुठला दे, उसके लिए दहकती आग तैयार कर रखी है
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
(ये सब कुछ नहीं) बल्कि (सच यूँ है कि) उन लोगों ने क़यामत ही को झूठ समझा है और जिस शख्स ने क़यामत को झूठ समझा उसके लिए हमने जहन्नुम को (दहका के) तैयार कर रखा है
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