وَزُرُوعٍ وَنَخْلٍ طَلْعُهَا هَضِيمٌ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
और खेतों और उन खजूरों में जिनके गुच्छे तरो ताज़ा और गुँथे हुए है?
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
उन्हीं मे तुम लोग इतमिनान से (हमेशा के लिए) छोड़ दिए जाओगे
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