لَعَلَّكَ بَاخِعٌ نَفْسَكَ أَلَّا يَكُونُوا مُؤْمِنِينَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
शायद इसपर कि वे ईमान नहीं लाते, तुम अपने प्राण ही खो बैठोगे
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
(ऐ रसूल) शायद तुम (इस फिक्र में) अपनी जान हलाक कर डालोगे कि ये (कुफ्फार) मोमिन क्यो नहीं हो जाते
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