وَحُشِرَ لِسُلَيْمَانَ جُنُودُهُ مِنَ الْجِنِّ وَالْإِنْسِ وَالطَّيْرِ فَهُمْ يُوزَعُونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
सुलैमान के लिए जिन्न और मनुष्य और पक्षियों मे से उसकी सेनाएँ एकत्र कर गई फिर उनकी दर्जाबन्दी की जा रही थी
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और सुलेमान के सामने उनके लशकर जिन्नात और आदमी और परिन्दे सब जमा किए जाते थे
: