قَالَ رَبِّ إِنِّي ظَلَمْتُ نَفْسِي فَاغْفِرْ لِي فَغَفَرَ لَهُ ۚ إِنَّهُ هُوَ الْغَفُورُ الرَّحِيمُ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
उसने कहा, "ऐ मेरे रब, मैंने अपने आपपर ज़ुल्म किया। अतः तू मुझे क्षमा कर दे।" अतएव उसने उसे क्षमा कर दिया। निश्चय ही वही बड़ी क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
(फिर बारगाहे ख़ुदा में) अर्ज़ की परवरदिगार बेशक मैने अपने ऊपर आप ज़ुल्म किया (कि इस शहर में आया) तो तू मुझे (दुश्मनों से) पोशीदा रख-ग़रज़ ख़ुदा ने उन्हें पोशीदा रखा (इसमें तो शक नहीं कि वह बड़ा पोशीदा रखने वाला मेहरबान है)
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