فَآمَنَ لَهُ لُوطٌ ۘ وَقَالَ إِنِّي مُهَاجِرٌ إِلَىٰ رَبِّي ۖ إِنَّهُ هُوَ الْعَزِيزُ الْحَكِيمُ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
फिर लूत ने उसकी बात मानी औऱ उसने कहा, "निस्संदेह मैं अपने रब की ओर हिजरत करता हूँ। निस्संदेह वह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है।"
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
तब सिर्फ लूत इबराहीम पर ईमान लाए और इबराहीम ने कहा मै तो देस को छोड़कर अपने परवरदिगार की तरफ (जहाँ उसको मंज़ूर हो ) निकल जाऊँगा
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