وَلَمَّا جَاءَتْ رُسُلُنَا إِبْرَاهِيمَ بِالْبُشْرَىٰ قَالُوا إِنَّا مُهْلِكُو أَهْلِ هَٰذِهِ الْقَرْيَةِ ۖ إِنَّ أَهْلَهَا كَانُوا ظَالِمِينَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
हमारे भेजे हुए जब इबराहीम के पास शुभ सूचना लेकर आए तो उन्होंने कहा, "हम इस बस्ती के लोगों को विनष्ट करनेवाले है। निस्संदेह इस बस्ती के लोग ज़ालिम है।"
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
(उस वक्त अज़ाब की तैयारी हुई) और जब हमारे भेजे हुए फ़रिश्ते इबराहीम के पास (बुढ़ापे में बेटे की) खुशखबरी लेकर आए तो (इबराहीम से) बोले हम लोग अनक़रीब इस गाँव के रहने वालों को हलाक करने वाले हैं (क्योंकि) इस बस्ती के रहने वाले यक़ीनी (बड़े) सरकश है
: