وَعَادًا وَثَمُودَ وَقَدْ تَبَيَّنَ لَكُمْ مِنْ مَسَاكِنِهِمْ ۖ وَزَيَّنَ لَهُمُ الشَّيْطَانُ أَعْمَالَهُمْ فَصَدَّهُمْ عَنِ السَّبِيلِ وَكَانُوا مُسْتَبْصِرِينَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
और आद और समूद को भी हमने विनष्ट किया। और उनके घरों और बस्तियों के अवशेषों से तुमपर स्पष्ट हो चुका है। शैतान ने उनके कर्मों को उनके लिए सुहाना बना दिया और उन्हें संमार्ग से रोक दिया। यद्यपि वे बड़े तीक्ष्ण स्पष्ट वाले थे
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और क़ौम आद और समूद को (भी हलाक कर डाला) और (ऐ अहले मक्का) तुम को तो उनके (उजड़े हुए) घर भी (रास्ता आते जाते) मालूम हो चुके और शैतान ने उनकी नज़र में उनके कामों को अच्छा कर दिखाया था और उन्हें (सीधी) राह (चलने) से रोक दिया था हालॉकि वह बड़े होशियार थे
: