وَتِلْكَ الْأَمْثَالُ نَضْرِبُهَا لِلنَّاسِ ۖ وَمَا يَعْقِلُهَا إِلَّا الْعَالِمُونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
ये मिसालें हम लोगों के लिए पेश करते है, परन्तु इनको ज्ञानवान ही समझते है
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और हम ये मिसाले लोगों के (समझाने) के वास्ते बयान करते हैं और उन को तो बस उलमा ही समझते हैं