وَلَمَّا رَأَى الْمُؤْمِنُونَ الْأَحْزَابَ قَالُوا هَٰذَا مَا وَعَدَنَا اللَّهُ وَرَسُولُهُ وَصَدَقَ اللَّهُ وَرَسُولُهُ ۚ وَمَا زَادَهُمْ إِلَّا إِيمَانًا وَتَسْلِيمًا
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
और जब ईमानवालों ने सैन्य दलों को देखा तो वे पुकार उठे, "यह तो वही चीज़ है, जिसका अल्लाह और उसके रसूल ने हमसे वादा किया था। और अल्लाह और उसके रसूल ने सच कहा था।" इस चीज़ ने उनके ईमान और आज्ञाकारिता ही को बढ़ाया
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और जब सच्चे ईमानदारों ने (कुफ्फार के) जमघटों को देखा तो (बेतकल्लुफ़) कहने लगे कि ये वही चीज़ तो है जिसका हम से खुदा ने और उसके रसूल ने वायदा किया था (इसकी परवाह क्या है) और खुदा ने और उसके रसूल ने बिल्कुल ठीक कहा था और (इसके देखने से) उनका ईमानदार और उनकी इताअत और भी ज़िन्दा हो गयी
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