يَا أَيُّهَا النَّبِيُّ قُلْ لِأَزْوَاجِكَ وَبَنَاتِكَ وَنِسَاءِ الْمُؤْمِنِينَ يُدْنِينَ عَلَيْهِنَّ مِنْ جَلَابِيبِهِنَّ ۚ ذَٰلِكَ أَدْنَىٰ أَنْ يُعْرَفْنَ فَلَا يُؤْذَيْنَ ۗ وَكَانَ اللَّهُ غَفُورًا رَحِيمًا
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
ऐ नबी! अपनी पत्नि यों और अपनी बेटियों और ईमानवाली स्त्रियों से कह दो कि वे अपने ऊपर अपनी चादरों का कुछ हिस्सा लटका लिया करें। इससे इस बात की अधिक सम्भावना है कि वे पहचान ली जाएँ और सताई न जाएँ। अल्लाह बड़ा क्षमाशील, दयावान है
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
ऐ नबी अपनी बीवियों और अपनी लड़कियों और मोमिनीन की औरतों से कह दो कि (बाहर निकलते वक्त) अपने (चेहरों और गर्दनों) पर अपनी चादरों का घूंघट लटका लिया करें ये उनकी (शराफ़त की) पहचान के वास्ते बहुत मुनासिब है तो उन्हें कोई छेड़ेगा नहीं और खुदा तो बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है