مَا يَفْتَحِ اللَّهُ لِلنَّاسِ مِنْ رَحْمَةٍ فَلَا مُمْسِكَ لَهَا ۖ وَمَا يُمْسِكْ فَلَا مُرْسِلَ لَهُ مِنْ بَعْدِهِ ۚ وَهُوَ الْعَزِيزُ الْحَكِيمُ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
अल्लाह जो दयालुता लोगों के लिए खोल दे उसे कोई रोकनेवाला नहीं और जिसे वह रोक ले तो उसके बाद उसे कोई जारी करनेवाला भी नहीं। वह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
लोगों के वास्ते जब (अपनी) रहमत (के दरवाजे) ख़ोल दे तो कोई उसे जारी नहीं कर सकता और जिस चीज़ को रोक ले उसके बाद उसे कोई रोक नहीं सकता और वही हर चीज़ पर ग़ालिब और दाना व बीना हकीम है