إِنَّمَا أَمْرُهُ إِذَا أَرَادَ شَيْئًا أَنْ يَقُولَ لَهُ كُنْ فَيَكُونُ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
उसका मामला तो बस यह है कि जब वह किसी चीज़ (के पैदा करने) का इरादा करता है तो उससे कहता है, "हो जा!" और वह हो जाती है
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
उसकी शान तो ये है कि जब किसी चीज़ को (पैदा करना) चाहता है तो वह कह देता है कि ''हो जा'' तो (फौरन) हो जाती है