وَمَا مِنَّا إِلَّا لَهُ مَقَامٌ مَعْلُومٌ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
और हमारी ओर से उसके लिए अनिवार्यतः एक ज्ञात और नियत स्थान है
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और फरिश्ते या आइम्मा तो ये कहते हैं कि मैं हर एक का एक दरजा मुक़र्रर है
Quran
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हिन्दी
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