فَإِنَّمَا هِيَ زَجْرَةٌ وَاحِدَةٌ فَإِذَا هُمْ يَنْظُرُونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
वह तो बस एक झिड़की होगी। फिर क्या देखेंगे कि वे ताकने लगे है
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और तुम ज़लील होगे और वह (क़यामत) तो एक ललकार होगी फिर तो वह लोग फ़ौरन ही (ऑंखे फाड़-फाड़ के) देखने लगेंगे