إِلَّا عِبَادَ اللَّهِ الْمُخْلَصِينَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
अलबत्ता अल्लाह के बन्दों की बात और है, जिनको उसने चुन लिया है
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
मगर (हाँ) खुदा के निरे खरे बन्दे (महफूज़ रहे)
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