وَمَا خَلَقْنَا السَّمَاءَ وَالْأَرْضَ وَمَا بَيْنَهُمَا بَاطِلًا ۚ ذَٰلِكَ ظَنُّ الَّذِينَ كَفَرُوا ۚ فَوَيْلٌ لِلَّذِينَ كَفَرُوا مِنَ النَّارِ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
हमने आकाश और धरती को और जो कुछ उनके बीच है, व्यर्थ नहीं पैदा किया। यह तो उन लोगों का गुमान है जिन्होंने इनकार किया। अतः आग में झोंके जाने के कारण इनकार करनेवालों की बड़ी दुर्गति है
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और हमने आसमान और ज़मीन और जो चीज़ें उन दोनों के दरमियान हैं बेकार नहीं पैदा किया ये उन लोगों का ख्याल है जो काफ़िर हो बैठे तो जो लोग दोज़ख़ के मुनकिर हैं उन पर अफ़सोस है
: