ارْكُضْ بِرِجْلِكَ ۖ هَٰذَا مُغْتَسَلٌ بَارِدٌ وَشَرَابٌ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
"अपना पाँव (धरती पर) मार, यह है ठंडा (पानी) नहाने को और पीने को।"
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
तो हमने कहा कि अपने पाँव से (ज़मीन को) ठुकरा दो और चश्मा निकाला तो हमने कहा (ऐ अय्यूब) तुम्हारे नहाने और पीने के वास्ते ये ठन्डा पानी (हाज़िर) है