جَنَّاتِ عَدْنٍ مُفَتَّحَةً لَهُمُ الْأَبْوَابُ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
सदैव रहने के बाग़ है, जिनके द्वार उनके लिए खुले होंगे
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
(यानि) हमेशा रहने के (बेहिश्त के) सदाबहार बाग़ात जिनके दरवाज़े उनके लिए (बराबर) खुले होगें
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