إِنَّ هَٰذَا لَرِزْقُنَا مَا لَهُ مِنْ نَفَادٍ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
यह हमारा दिया है, जो कभी समाप्त न होगा
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
बेशक ये हमारी (दी हुई) रोज़ी है जो कभी तमाम न होगी
Quran
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हिन्दी
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