قَالُوا بَلْ أَنْتُمْ لَا مَرْحَبًا بِكُمْ ۖ أَنْتُمْ قَدَّمْتُمُوهُ لَنَا ۖ فَبِئْسَ الْقَرَارُ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
वे कहेंगे, "नहीं, तुम नहीं। तुम्हारे लिए कोई आवभगत नहीं। तुम्ही यह हमारे आगे लाए हो। तो बहुत ही बुरी है यह ठहरने की जगह!"
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
तो चेले कहेंगें (हम क्यों) बल्कि तुम (जहन्नुमी हो) तुम्हारा ही भला न हो तो तुम ही लोगों ने तो इस (बला) से हमारा सामना करा दिया तो जहन्नुम भी क्या बुरी जगह है
: