أَتَّخَذْنَاهُمْ سِخْرِيًّا أَمْ زَاغَتْ عَنْهُمُ الْأَبْصَارُ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
क्या हमने यूँ ही उनका मज़ाक बनाया था, यह उनसे निगाहें चूक गई हैं?"
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
क्या हम उनसे (नाहक़) मसखरापन करते थे या उनकी तरफ से (हमारी) ऑंखे पलट गयी हैं
Quran
38
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हिन्दी
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