وَلَوْ أَنَّ لِلَّذِينَ ظَلَمُوا مَا فِي الْأَرْضِ جَمِيعًا وَمِثْلَهُ مَعَهُ لَافْتَدَوْا بِهِ مِنْ سُوءِ الْعَذَابِ يَوْمَ الْقِيَامَةِ ۚ وَبَدَا لَهُمْ مِنَ اللَّهِ مَا لَمْ يَكُونُوا يَحْتَسِبُونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
जिन लोगों ने ज़ुल्म किया यदि उनके पास वह सब कुछ हो जो धरती में है और उसके साथ उतना ही और भी, तो वे क़ियामत के दिन बुरी यातना से बचने के लिए वह सब फ़िदया (प्राण-मुक्ति के बदले) में दे डाले। बात यह है कि अल्लाह की ओर से उनके सामने वह कुछ आ जाएगा जिसका वे गुमान तक न करते थे
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और अगर नाफरमानों के पास रूए ज़मीन की सारी काएनात मिल जाएग बल्कि उनके साथ उतनी ही और भी हो तो क़यामत के दिन ये लोग यक़ीनन सख्त अज़ाब का फ़िदया दे निकलें (और अपना छुटकारा कराना चाहें) और (उस वक्त) उनके सामने ख़ुदा की तरफ से वह बात पेश आएगी जिसका उन्हें वहम व गुमान भी न था