إِنْ تُبْدُوا خَيْرًا أَوْ تُخْفُوهُ أَوْ تَعْفُوا عَنْ سُوءٍ فَإِنَّ اللَّهَ كَانَ عَفُوًّا قَدِيرًا
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
यदि तुम खुले रूप में नेकी और भलाई करो या उसे छिपाओ या किसी बुराई को क्षमा कर दो, तो अल्लाह भी क्षमा करनेवाला, सामर्थ्यवान है
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
अगर खुल्लम खुल्ला नेकी करते हो या छिपा कर या किसी की बुराई से दरगुज़र करते हो तो तो ख़ुदा भी बड़ा दरगुज़र करने वाला (और) क़ादिर है
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