يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا خُذُوا حِذْرَكُمْ فَانْفِرُوا ثُبَاتٍ أَوِ انْفِرُوا جَمِيعًا
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
ऐ ईमान लानेवालो! अपने बचाव की साम्रगी (हथियार आदि) सँभालो। फिर या तो अलग-अलग टुकड़ियों में निकलो या इकट्ठे होकर निकलो
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
ऐ ईमानवालों (जिहाद के वक्त) अपनी हिफ़ाज़त के (ज़राए) अच्छी तरह देखभाल लो फिर तुम्हें इख्तेयार है ख्वाह दस्ता दस्ता निकलो या सबके सब इकट्ठे होकर निकल खड़े हो
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