الَّذِينَ آمَنُوا يُقَاتِلُونَ فِي سَبِيلِ اللَّهِ ۖ وَالَّذِينَ كَفَرُوا يُقَاتِلُونَ فِي سَبِيلِ الطَّاغُوتِ فَقَاتِلُوا أَوْلِيَاءَ الشَّيْطَانِ ۖ إِنَّ كَيْدَ الشَّيْطَانِ كَانَ ضَعِيفًا
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
ईमान लानेवाले तो अल्लाह के मार्ग में युद्ध करते है और अधर्मी लोग ताग़ूत (बढ़े हुए सरकश) के मार्ग में युद्ध करते है। अतः तुम शैतान के मित्रों से लड़ो। निश्चय ही, शैतान की चाल बहुत कमज़ोर होती है
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
(पस देखो) ईमानवाले तो ख़ुदा की राह में लड़ते हैं और कुफ्फ़ार शैतान की राह में लड़ते मरते हैं पस (मुसलमानों) तुम शैतान के हवा ख़ाहों से लड़ो और (कुछ परवाह न करो) क्योंकि शैतान का दाओ तो बहुत ही बोदा है
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