يَعْلَمُ خَائِنَةَ الْأَعْيُنِ وَمَا تُخْفِي الصُّدُورُ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
वह निगाहों की चोरी तक को जानता है और उसे भी जो सीने छिपा रहे होते है
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
ख़ुदा तो ऑंखों की दुज़दीदा (ख़यानत की) निगाह को भी जानता है और उन बातों को भी जो (लोगों के) सीनों में पोशीदा है
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